संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म, छत्तीसगढ़

भारत में योजनाओं के क्रियान्वयन के समय से ही देश की खनिज संपदा के व्यवस्थित सर्वेक्षण एवं विकास हेतु ठोस प्रयास किये जाते रहे हैं। खनिज एक सीमित एवं गैर-अक्षय प्राकृतिक संसाधन है अतः यह अत्यंत आवश्यक है कि इनका दोहन एवं उपयोग श्रेष्ठतम तरीके से किया जाए। ये हमारे खजाने का स्त्रोत है और हमारे औद्योगिक विकास की रीढ़ है।
उदार प्रकृति ने छत्तीसगढ़ को सभी आवश्यक खनिजों के वृहद् भण्डारों का वरदान दिया है। इन खनिजों द्वारा औद्योगिकीकरण में निभाई गई केन्द्रीय भूमिका को समझते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने कई नीतिगत फैसले लिए हैं जिससे प्रक्रियात्मक रूकावटों को दूर कर एक ऐसा आवश्यक वातावरण बनाया जाए जिससे उद्यमिता को छत्तीसगढ़ में फलने-फूलने व विकसित होने का अवसर मिले।